मेरा नाम रोहन है मैं पुणे का रहने वाला हूं, मेरे कॉलेज को पूरे हुए 10 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी भी मैं अपने कॉलेज को बहुत मिस करता हूं। इन 10 वर्षों में मेरे जीवन में भी बहुत परिवर्तन हुआ है, मेरी अब शादी भी हो चुकी है और मेरा एक छोटा लड़का भी है जो कि स्कूल भी जाने लगा है लेकिन इन 10 वर्षों में ना जाने सब कुछ इतनी तेजी से बदला कि मुझे बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ और अब मेरे सारे दोस्त अपने काम में व्यस्त होने लगे हैं, शायद अब किसी के पास भी एक दूसरे के लिए वक्त नहीं है। मैंने बीच में कई बार अपने दोस्तों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन अब कुछ लोगों के तो नंबर भी बदल चुके हैं और कुछ ही लोगों से मेरे संपर्क रह गए हैं, जिनसे भी मैं संपर्क में हूं उनसे मैं लगातार बात करता हूं और उन्हें कहता हूं कि कभी कहीं मिलने का प्रोग्राम बनाओ लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है क्योंकि सब लोग अपने काम में ही व्यस्त रहने लगे हैं इसलिए दूसरे के लिए समय निकाल पाना शायद संभव नहीं है।
मेरी पत्नी भी मुझे हमेशा कहती है कि तुम भी अपने कॉलेज की तस्वीरों को हमेशा देखते रहते हो क्या तुम्हारे और भी दोस्त पुराने दिन याद करते होंगे, मैं उसे हमेशा कहता हूं कि नहीं शायद वह लोग अब पहले जैसे नहीं हैं वह सब लोग बदल चुके हैं लेकिन मैंने जो कॉलेज में अच्छा वक्त बिताया वह मुझे याद है। मैंने पुणे में ही अपनी छोटी सी फैक्ट्री डाली है मैं कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग करता हूं और जितने भी कॉस्मेटिक्स के प्रोडक्ट हैं उसमे मैं डील करता हूं, मेरा काम भी अच्छा चल रहा है और मुझसे जितना हो सकता है मैं अपने परिवार को खुश रखने की कोशिश करता हूं। एक दिन मैं अपने घर से अपनी कार में निकल रहा था मैं जब कार ड्राइव कर रहा था तो मुझे आगे अपनी एक मैडम जैसी कोई दिखाई दी लेकिन मुझे लगा शायद वह कोई और होंगे, मैंने गाड़ी साइड में रोकी और बड़े ध्यान से उन्हें देखा तो मुझे प्रतीत हुआ कि वह तो ललिता मैडम है जो हमें कॉलेज में पढाया करती थी।
मैं अपनी गाड़ी से उतरकर उनके पास गया और मैंने उनसे कहा कि क्या आप ललिता मैडम है, वह कहने लगी हां तुमने मुझे कैसे पहचाना, शायद उन्होंने मुझे नहीं पहचाना था और वह मुझसे पूछने लगे कि तुम कौन हो, मैंने उन्हें अपने बारे में बताया मैंने उनसे कहा कि मैं रोहन हूं, उन्होंने मुझे पहचान लिया और कहने लगे तुम वही हो जो कॉलेज में बहुत शरारत किया करते थे, मैंने मैडम से कहा कि वह तो कॉलेज के दिन थे लेकिन अब मैं पहले जैसा नहीं हूं, मैं बदल चुका हूं। मुझे ललिता मैडम के साथ बात करना अच्छा लग रहा था, मैंने उन्हें कहा कि क्या आप मेरे साथ कुछ देर बैठ सकती हैं, वह कहने लगी हां क्यों नहीं। हम लोग वहीं पास की एक दुकान में बैठ गये और मैंने कॉफी ऑर्डर कर दी। मैंने जब उनसे पूछा कि आपके परिवार में सब लोग कैसे हैं, वह मुझे कहने लगे कि अब मेरा परिवार ही नहीं बचा है क्योंकि मेरे पति ने मुझसे डिवोर्स ले लिया है और मैं अकेली रहने लगी हूं, मैंने उनसे पूछा क्या आप अभी भी कॉलेज में पढ़ाती है, वह कहने लगी नहीं मैंने अब पढ़ाना छोड़ दिया है, मैं अब घर पर ही रहती हूं। मैंने उनसे पूछा कि आपका तो ट्रांसफर मुंबई हो गया था और आप अब दोबारा से पुणे आ गई, वह कहने लगी कि पुणे में मेरे मम्मी पापा का घर है इसीलिए मैं अब यहीं पर रहने लगी हूं। मैं उनके चेहरे को बड़े ध्यान से देख रहा था उनके चेहरे में पहले जैसी रौनक नहीं थी, वह जब कॉलेज में पढ़ाती थी तो उस वक्त उनकी उम्र 35 वर्ष के आसपास रही होगी लेकिन अब उनकी उम्र 45 वर्ष हो चुकी है और उनके चेहरे पर रौनक भी नहीं है, वह कॉलेज में बहुत ही अच्छे से बन ठन कर आती थी और सब लोग उनकी बड़ी तारीफ करते थे, उनका पूरा कॉलेज दीवाना था और हमारे क्लास की लड़कियां तो हमेशा कहती थी कि मैडम का ड्रेसिंग सेंस तो बहुत अच्छा है। मैंने यह बात जब मैडम से कही तो वह मुझे कहने लगे की अब मैं टेंशन थोड़ा में हूं इसलिए मैं बिल्कुल बदल चुकी हूं लेकिन तुम बताओ तुम्हारी लाइफ में क्या चल रहा है, मैंने उन्हें बताया कि मेरी तो शादी हो चुकी है और मैं अब अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहता हूं, मैंने अपना ही काम शुरू कर लिया है, वह कहने लगी यह तो बहुत खुशी की बात है।
जब हम दोनों की कॉफी खत्म हो गई तो मैंने उन्हें कहा मैडम मैं आपको छोड़ देता हूं, वह कहने लगी नहीं मैं चली जाऊंगी लेकिन मैंने उनसे जिद की और उन्हें कहा कि मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूं। मैं उन्हें उनके घर छोड़ने के लिए चला गया, जब वह मेरे साथ बैठी हुई थी तो वह कहने लगी तुमने बहुत अच्छी तरक्की कर ली है और तुम ऐसे ही अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते रहो, मैंने उनसे पूछा आपका एक लड़का भी था, वह कहने लगी कि वह भी अब मेरे पति के साथ ही रहता है, मैं बिल्कुल अकेली पड़ चुकी हूं। मुझे यह सुनकर बहुत बुरा लगा, मैं सोचने लगा कि मैडम के साथ तो बहुत गलत हुआ है, मुझे जब भी वक्त मिलता तो मैं मैडम के घर चले जाता और जब भी मैं ललिता मैडम से मिलता तो मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी होती। मैंने ललिता मैडम से कहा आप पहले कितनी ज्यादा सुंदर थी और अब कैसी हो गई है आपको अपना ध्यान रखना चाहिए। वह मुझे कहने लगी अब मेरे जीवन में पहले जैसी खुशियां नहीं है इसलिए मैं अपना ध्यान बिल्कुल नहीं रखती।
मैंने उन्हें कन्वेंस कर लिया, मैं उन्हें पार्लर लेकर गया गया, मैंने उनका नक्शा ही बदल दिया वह पहले जैसे लगने लगी। वह मुझे कहने लगी रोहन तुमने तो मेरे जीवन में काफी बदलाव कर दिया, अब हम दोनों अक्सर मिलने लगे थे। मैं जब भी ललिता मैडम से मिलता तो उनके चेहरे पर खुशी होती, मुझे नहीं पता था कि उस खुशी के पीछे कुछ और भी है। एक दिन हम लोग साथ बैठे हुए थे, उस दिन वह कुछ ज्यादा ही अपनी गांड मटका रही थी। वह जब मेरे सामने से होकर गुजरती तो वह अपनी गांड को मटकाती, मैं समझ नहीं पा रहा था कि उन्हें क्या चाहिए। जब वह मेरे सथ बैठी थी तो वह बडे मजेदार बात कर रही थी। वह मुझसे इतना चिपक रही थी, मैं अपने आपको ज्यादा समय तक नहीं रोक पाया। उन्होंने जब मुझे अपनी बाहों में लिया तो मैंने उन्हें अपने नीचे दबोच लिया। हम दोनो सोफे पर बैठे थे, हम दोनों नीचे गिर गए लेकिन मैंने उन्हें छोड़ा नहीं था और कस कर पकड़ रखा था। मैंने काफी देर तक उनके बदन को अपने हाथों से दबया। जब मैंने उनके कपड़े फाड़ दिए उनकी गांड मेरे हाथ में आ गई और मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया की उनकी गांड मारने के लिए उतावला हो गया। उन्होंने मेरे लंड को कुछ देर तक चूसा, जब वह मेरे लंड को चूस रहे थे तो मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने काफी देर तक उनसे लंड को चुसवाया जब मेरा लंड पूरा चिकना हो गया तो मैंने उनसे कहा आप मेरे लंड पर तेल लगा दीजिए। उन्होंने मेरे लंड पर तेल लगाया, जब मैंने उनके पिछवाड़े में अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी रोहन तुमने मेरी इच्छा पूरी कर दी, आज मेरी गांड में बहुत खुजली हो रही थी। वह अपनी गांड को उठाने लगी और मैं भी उन्हें बड़ी तेजी से झटके मारने लगा। मेरा उनकी गांड मारने का बहुत ज्यादा मन था, मैं गांड मारने का बहुत शौकीन हूं। मैंने कहा मैडम मैं आपकी गांड से खून निकाल दूंगा, मैंने भी बड़ी तेज गति से उन्हें झटके देना शुरू कर दिया। वह मझे कहने लगी तुम मेरी गांड मारकर मजे ले रहे हो। उनकी गांड से लगातार खून निकल रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था, उनकी गांड का साइज 38 था। वह जिस प्रकार से अपनी मोटी गांड को मुझसे मिलाती मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो जाता। मैने उन्हें कहा मैं ज्यादा समय तक अपने आपको नहीं रोक पाया और जैसे ही मेरा वीर्य उनकी गांड के अंदर गिरा तो उस दिन मैडम की इच्छा पूरी हो गई। कॉलेज में हम लोग उनके नाम की मुठ मारा करते थे, मेरे लिए यह बहुत बडी बात थी की मै हकीकत मे मुझे उनकी गांड मारने में बहुत मजा आया।